अनुष्ठान और प्रभु स्मरण में निकला ग्रहणकाल
पुष्कर,(निसं.-सरेराह)। हजारों लोगों ने आज पवित्र पुष्कर सरोवर में सूर्यग्रहण का शुद्धि स्नान कर धर्मलाभ प्राप्त किया। खंडग्रास कंकण की आकृति लिए हुए ग्रहण के कुछ लोगों ने दर्शन भी किये। पंचांग के अनुसार कल शाम को ग्रहण का सूतक लगते ही सभी मंदिरों के कपाट बंद हो गए। आज पुष्कर के सभी बाजार भी ग्रहण शुद्धि के बाद ही खुले। मूल ग्रहण आज सुबह आठ बजकर दस मिनट से शुरू हो गया और सुबह 10.51 पर शुद्ध हुआ। इस तरह कुल 2 घंटे 41 मिनट तक ग्रहण की अवधि में पुष्कर के घाटों पर जगह-जगह कीर्तन, अनुष्ठान, जाप और यज्ञ का दौर चलता रहा। शुद्धि स्नान के बाद मंदिरों की सफाई और भगवान के स्नान के बाद आरती के बाद मंदिर फिर से खुले। सूतक काल से ही देश भर से आए श्रद्धालु पवित्र सरोवर के घाटों पर अपना डेरा डाल दिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने पवित्र सरोवर की पूजा-अर्चना की और सरोवर की परिक्रमा भी लगाई। साथ ही गायों और गरीबों को दान किया। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह संयोग 58 वर्ष बाद आया है, जब एक साथ 6 दूषित ग्रहों का प्रभाव रहा। इससे पहले ऐसा संयोग सन् 1962 में आया था।
हजारों ने किया सूर्यग्रहण शुद्धि स्नान