संयोग : 72 सालों तक लगातार 15 जनवरी की ही है मकर संक्रांति योग
पुष्कर,(निसं.-सरेराह)। आम तौर पर मकर संक्रांति 14 जनवरी को आती थी, लेकिन 2008 से लगातार 15 जनवरी को आ रही है। पंडित कैलाशनाथ दाधीच ने बताया कि यह सिलसिला अनवरत् 2080 तक चलेगा और हमेशा 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति योग आएगा। मान्यताओं के अनुसार सूर्य का धनु राशि से मकर राशि पर प्रवेश करना ही मकर संक्रांति माना जाता है। ज्योतिष और खगोलीय ज्ञान एक सूक्ष्म गणित के आधार पर पंचांग आधार से ऐसा योग बन रहा है। सन् 2008 से 2080 तक आने वाली मकर संक्रांति 14 जनवरी को नहीं होकर 15 जनवरी को ही होगी। ऐसा अनेक पंचांग में एवं ज्योतिष ज्ञान से प्रतीत हो रहा है। इसका मूल कारण ज्योतिष बताता है कि पिछले 72 वर्षों से सन् 1935 से 2008 तक मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही आती रही है। ऐसा ज्योतिष गणना बताती है कि सूर्य भगवान का धनु राशि से मकर राशि में प्रतिवर्ष प्रवेश होना लगभग 20 मिनट विलंब से होता है। गणितीय ज्ञान से 3 वर्षों में अंतर एक घंटा यानी 60 मिनट बन जाता है। यह अंतर 1 घंटे का 72 वर्षों में जाकर 24 घंटे का योग बनाता है। यही कारण है कि जो मकर संक्रांति 14 जनवरी को होनी चाहिए, वह 15 जनवरी को होगी। यही कारण है कि अंग्रेजी तारीखों में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को 72 वर्षों के बाद 1 दिन आगे 1 तारीख आगे बढ़ रहा है और बढ़ेगा।
संयोग : 72 सालों तक लगातार 15 जनवरी की ही है मकर संक्रांति योग